The Ultimate Guide To shri shiv chalisa lyrics

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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

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स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥

राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

कहा जाता है check here कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

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